बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता Mithun Chakraborty को दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिए जाने का ऐलान किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें 8 अक्टूबर 2024 को 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान प्रदान किया जाएगा। इस खबर ने फिल्म इंडस्ट्री के साथ-साथ उनके प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ा दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी Mithun Chakraborty को इस पुरस्कार के लिए बधाई दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “मुझे खुशी है कि मिथुन चक्रवर्ती जी को भारतीय सिनेमा में उनके अद्वितीय योगदान को मान्यता देते हुए प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।” पीएम मोदी ने मिथुन चक्रवर्ती को एक सांस्कृतिक प्रतीक बताते हुए कहा कि उनका काम पीढ़ियों से प्रशंसा का कारण रहा है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस पुरस्कार की घोषणा की। उन्होंने कहा कि Mithun Chakraborty की सिनेमाई यात्रा ने हर पीढ़ी को प्रेरित किया है। मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा कि दादा साहब फाल्के सेलेक्शन जूरी ने मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए इस पुरस्कार के लिए चुना है।
मिथुन चक्रवर्ती का करियर काफी लंबा और सफल रहा है। उन्होंने हिंदी और बांग्ला सिनेमा में कई यादगार फिल्मों में काम किया है। उन्हें तीन नेशनल फिल्म अवार्ड और दो फिल्मफेयर अवार्ड भी मिल चुके हैं। इसके अलावा, जनवरी 2024 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण, तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भी दिया गया था।
Mithun Chakraborty का फिल्मी करियर :
मिथुन चक्रवर्ती का जन्म 16 जून 1950 को पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में हुआ था। उनका असली नाम गौरांग चक्रवर्ती था। वे फिल्म इंडस्ट्री में अपने अलग अंदाज और अदाकारी के लिए जाने जाते हैं। 1970 के दशक में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की और जल्दी ही कई हिट फिल्मों में काम किया। उनके अद्वितीय अभिनय और डांसिंग स्किल्स ने उन्हें दर्शकों के बीच एक खास पहचान दिलाई।
मिथुन की पहली बड़ी हिट फिल्म “बॉम्बे टॉकीज” थी, जिसमें उनके अभिनय को सराहा गया। इसके बाद उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया, जैसे “कृष्णा बनाम कृष्णा”, “गुमराह”, “डिस्को डांसर” और “पैसों की ताकत”। इन फिल्मों ने उन्हें एक स्टार बना दिया और उनके डांस स्टाइल को आज भी याद किया जाता है।
पुरस्कार और सम्मान:
Mithun Chakraborty को उनके करियर में कई पुरस्कार मिले हैं। उन्होंने तीन बार नेशनल फिल्म अवार्ड जीते हैं, जो भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को दर्शाते हैं। इसके अलावा, उन्हें दो फिल्मफेयर अवार्ड भी मिले हैं, जो कि हिंदी सिनेमा में उनकी प्रतिभा का प्रमाण हैं।
उनकी उपलब्धियों में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है दादा साहब फाल्के पुरस्कार। यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा में सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। इसे प्राप्त करना किसी भी कलाकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मिथुन चक्रवर्ती को यह पुरस्कार उनके अद्वितीय और स्थायी योगदान के लिए दिया जा रहा है।
सिनेमा से राजनीति तक :
मिथुन चक्रवर्ती सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक सक्रिय राजनीतिज्ञ भी हैं। वे राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं। अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने कई सामाजिक मुद्दों पर काम किया है और समाज सेवा के लिए भी जाने जाते हैं। उनकी सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों ने उन्हें और भी प्रसिद्धि दिलाई।
पीढ़ियों को प्रेरित करने वाला सितारा :
मिथुन चक्रवर्ती का प्रभाव भारतीय सिनेमा और संस्कृति पर बहुत गहरा है। वे एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने अपने अभिनय और नृत्य से लाखों लोगों के दिलों में जगह बनाई है। उनका काम हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहा है। उन्होंने कई युवाओं को फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित किया है।
उनकी फिल्में न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि उनमें सामाजिक संदेश भी छिपे होते हैं। मिथुन की फिल्मों में अक्सर संघर्ष, प्रेम और समर्पण जैसे विषयों को उठाया गया है, जो दर्शकों के साथ गहराई से जुड़ते हैं।
सिनेमा के सच्चे नायक :
Mithun Chakraborty को दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलना उनके करियर का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह न केवल उनके काम की सराहना है, बल्कि यह उनके जीवन के संघर्षों और उपलब्धियों का भी सम्मान है।
उम्मीद की जा रही है कि यह पुरस्कार उन्हें आगे भी प्रेरित करेगा और वे आने वाले वर्षों में और भी बेहतरीन काम करेंगे। Mithun Chakraborty का योगदान भारतीय सिनेमा के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा, और उनका नाम एक सच्चे कलाकार के रूप में सदैव जीवित रहेगा।
इस प्रकार, Mithun Chakraborty को दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलने की घोषणा ने उनके प्रशंसकों और फिल्म इंडस्ट्री में एक नई उमंग का संचार किया है। उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ!