PresVu की जानकारी – भारत की फार्मास्युटिकल कंपनी, एंटोड फार्मास्युटिकल्स ने एक नई और अद्वितीय आई ड्रॉप पेश की है, जो दृष्टि सुधार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। इस आई ड्रॉप का नाम ‘PresVu’ है, जिसे हाल ही में भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल (DCGI) से मंजूरी मिली है। यह ड्रॉप विशेष रूप से उन लोगों के लिए तैयार की गई है जो प्रिस्बायोपिया से पीड़ित हैं, और इसका मुख्य लक्ष्य रीडिंग ग्लासेज की निर्भरता को कम करना है।
जानिये क्या है PresVu ?
PresVu भारत में पहली बार पेश किया गया एक अनोखा आई ड्रॉप है, जिसे एंटोड फार्मास्युटिकल्स ने तैयार किया है। यह ड्रॉप अपनी तरह का पहला उत्पाद है, और इसके खास सूत्र और बनाने की प्रक्रिया के लिए कंपनी ने पेटेंट के लिए आवेदन किया है। इस पेटेंट के लिए आवेदन करने का मतलब है कि यह ड्रॉप एक नई और विशेष तकनीक का इस्तेमाल करता है, जो इसे अन्य आई ड्रॉप्स से अलग बनाता है।
जानिये PresVu कैसे काम करता है?
PresVu का मुख्य सक्रिय तत्व ‘पिलोकारपाइन’ है, जो एक खास रसायन है जो दवाइयों में उपयोग किया जाता है। पिलोकारपाइन आंखों के आइरिस की मांसपेशियों को संकुचित करता है, जो पुतली के आकार को नियंत्रित करती हैं और आंखों को साफ तरीके से देखने में मदद करती हैं। इस प्रक्रिया से आपकी आंखें पास की वस्तुओं पर बेहतर फोकस कर सकती हैं।
कंपनी का कहना है कि PresVu में “उन्नत डायनेमिक बफर टेक्नोलॉजी” का इस्तेमाल किया गया है। यह तकनीक एक बेस समाधान के रूप में काम करती है, जो आंसूओं के pH स्तर के अनुसार बदलती है। इसका मतलब है कि यह आई ड्रॉप लगातार असरदार और सुरक्षित रहती है, जिससे इसे लंबे समय तक नियमित उपयोग के लिए उपयुक्त बनाया जाता है।”
15 मिनट में पास की दृष्टि को बेहतर बनाएं !
PresVu के लाभों को उजागर करते हुए डॉ. आदित्य सेठी ने बताया कि प्रिस्बायोपिया का इलाज लंबे समय से रीडिंग ग्लासेज, कांटेक्ट लेंस और सर्जिकल उपायों के माध्यम से किया जाता रहा है। लेकिन PresVu के साथ, इस स्थिति का प्रभावी इलाज संभव है, क्योंकि यह आई ड्रॉप 15 मिनट के भीतर पास की दृष्टि को सुधारती है।
PresVu का उपयोग और सावधानियाँ!
PresVu एक प्रिस्क्रिप्शन-ओनली दवा है, जिसे केवल डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके प्रभाव की अवधि आमतौर पर चार से छह घंटे तक रहती है, जिसके बाद आपको इसका असर कम हो सकता है। यह आई ड्रॉप उन लोगों के लिए नहीं है जिनके आइरिस में सूजन है, क्योंकि इससे समस्या बढ़ सकती है।
इस आई ड्रॉप के नियमित उपयोग से कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। उपयोग के बाद आपकी आंखों में खुजली, लालिमा, और भौंहों में दर्द हो सकता है। इसके अलावा, कुछ लोगों को आंखों की मांसपेशियों में संकुचन भी महसूस हो सकता है। अगर आपको इन समस्याओं का सामना करना पड़े, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
PresVu का प्रभाव और भविष्य की संभावनाएँ |
PresVu के आने से प्रिस्बायोपिया के इलाज में एक नई उम्मीद जागी है। यह उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो रीडिंग ग्लासेज पर निर्भर नहीं रहना चाहते। PresVu के इस्तेमाल से आंखों को पास की चीजें साफ और स्पष्ट दिख सकती हैं, जिससे रीडिंग ग्लासेज की जरूरत कम हो सकती है। हालांकि, इसके प्रभाव की सीमा और संभावित साइड इफेक्ट्स को ध्यान में रखते हुए, डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
इस नई आई ड्रॉप का सफल उपयोग भविष्य में प्रिस्बायोपिया के इलाज के तरीके को बदल सकता है। एंटोड फार्मास्युटिकल्स का यह उत्पाद भारतीय बाजार में एक महत्वपूर्ण नवाचार का संकेत है और इसके भविष्य में अन्य देशों में भी उपयोग की संभावना है। यदि PresVu को सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जाता है, तो यह चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर सकता है और अन्य देशों में भी इसकी मांग बढ़ सकती है।
PresVu का अनुमोदन और बाजार में आना यह दिखाता है कि भविष्य में प्रिस्बायोपिया के इलाज के क्षेत्र में और नई खोजें हो सकती हैं। यह भारत के चिकित्सा और फार्मास्युटिकल उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो विश्व स्तर पर भारतीय नवाचार को प्रोत्साहित कर सकती है।
यदि आप प्रिस्बायोपिया से पीड़ित हैं और रीडिंग ग्लासेज से राहत चाहते हैं, तो PresVu एक संभावित विकल्प हो सकता है। इसके उपयोग से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें और इस नई तकनीक के लाभ और संभावित जोखिमों को समझें।
PresVu के बारे में अधिक जानकारी और इसके उपयोग के निर्देशों के लिए अपने नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें। इस नई दृष्टि सुधार की तकनीक का हिस्सा बनें और देखिए कि कैसे यह आपकी दृष्टि को बेहतर बना सकता है।
प्रिस्बायोपिया क्या है?
प्रिस्बायोपिया एक उम्र-संबंधित स्थिति है जो ज्यादातर लोगों को 40 साल की उम्र के बाद प्रभावित करती है। इस अवस्था में आंखें पास की चीजों को स्पष्ट रूप से देखने की क्षमता खो देती हैं। यह समस्या तब होती है जब आंखों की लेंस की मांसपेशियाँ और उनकी लचक कम हो जाती हैं, जिससे लेंस को पास की वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है।
प्रिस्बायोपिया के लक्षण:
करीब की चीजों को धुंधला देखना: किताबें, अखबार, या अन्य पास की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने में कठिनाई।
आंखों में थकावट: लंबे समय तक पास की चीजें देखने पर आंखों में थकावट या दर्द महसूस होना।
सुधार की जरूरत: पढ़ते समय अक्सर रीडिंग ग्लासेज की आवश्यकता पड़ना।