कार्यक्रम का विवरण:
15 सितंबर 2024 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड, ओडिशा, बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए छह नई Vande Bharat ट्रेनों को वर्चुअली लॉन्च किया। यह कार्यक्रम रांची से आयोजित किया गया, जहां खराब मौसम और धुंध की वजह से मोदी का हेलीकॉप्टर टाटानगर नहीं पहुंच सका। परिणामस्वरूप, प्रधानमंत्री ने ट्रेनों का झंडी दिखाने का समारोह रांची से ही किया।
वंदे भारत ट्रेनों की नई संख्या:
रेल मंत्रालय के अनुसार, इन छह नई ट्रेनों के जुड़ने से Vande Bharat ट्रेनों की कुल संख्या 54 से बढ़कर 60 हो जाएगी। ये ट्रेनों 120 यात्रा सेवाएं प्रदान करेंगी और 24 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में 280 से अधिक जिलों को सेवा देंगी
नई ट्रेनों की मार्ग सूची:
इन नई ट्रेनों का उद्घाटन करने के साथ ही, मोदी ने रेलवे के क्षेत्र में विशाल विस्तार के संकेत दिए हैं। Vande Bharat ट्रेनों की निम्नलिखित मार्गों पर सेवा शुरू की जाएगी:
- टाटानगर-पटना
- ब्रह्मपुर-टाटानगर
- राउरकेला-हावड़ा
- देवघर-वाराणसी
- भागलपुर-हावड़ा
- गया-हावड़ा
Vande Bharat 2.0 की विशेषताएँ:
रेल मंत्रालय ने यह भी बताया कि Vande Bharat ट्रेन की मूल विशेषताओं को वंदे भारत 2.0 में उन्नत किया गया है। इसमें तेज़ गतिकरण, कवच सुरक्षा प्रणाली, एंटी-वायरस प्रौद्योगिकी, और वाई-फाई जैसी नई सुविधाएं शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर झारखंड के लोगों को बधाई दी और कहा, “इन छह नई वंदे भारत(Vande Bharat) ट्रेनों की शुरुआत के साथ, 650 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन हुआ है। इससे रेल यात्रा की सुविधाओं में वृद्धि होगी और पीएमएवाई-जी के तहत हजारों लोगों को पक्का घर मिल सकेगा।”
विकास की नई दिशा:
मोदी ने आगे कहा कि एक समय था जब आधुनिक विकास केवल कुछ बड़े शहरों तक सीमित था, लेकिन ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति ने देश की सोच को बदल दिया है। “अब गरीब, आदिवासी और दलित हमारे देश की प्राथमिकता हैं। महिलाएं, किसान और युवा भी प्राथमिकता में हैं। पूर्वी भारत में रेल सेवाओं के विस्तार से पूरा क्षेत्र विकास की दिशा में अग्रसर होगा। झारखंड के रेलवे विकास के लिए बजट 7000 करोड़ रुपये है। यदि हम पिछले 10 वर्षों से इसकी तुलना करें, तो यह 16 गुना अधिक है।”
अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन:
प्रधानमंत्री मोदी ने रांची से विभिन्न परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिनमें 660 करोड़ रुपये की लागत की परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें देवघर जिले में माधुपुर बायपास लाइन की आधारशिला और हजारीबाग टाउन कोचिंग डिपो की स्थापना शामिल है।
धार्मिक और औद्योगिक लाभ:
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक प्रेस रिलीज में कहा, “इन ट्रेनों से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि ये प्रमुख तीर्थ स्थलों जैसे देवघर (झारखंड) के बैद्यनाथ धाम, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) के काशी विश्वनाथ मंदिर, और कोलकाता (पश्चिम बंगाल) के कालीघाट, बेलूर मठ आदि तक तेजी से पहुंच प्रदान करेंगी। इसके अतिरिक्त, धनबाद में कोयला खनन उद्योग, कोलकाता में जूट उद्योग, और दुर्गापुर में लौह और इस्पात संबंधित उद्योगों को भी महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा।”
क्षेत्रीय विकास की दिशा:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस उद्घाटन समारोह ने पूर्वी भारत की रेल सेवाओं को एक नई दिशा प्रदान की है। इस महत्वपूर्ण कदम के साथ, पूर्वी भारत में रेल नेटवर्क का विस्तार और उन्नति न केवल यात्रा की सुविधाओं को बेहतर बनाएगी, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास में भी तेजी लाएगी। नई वंदे भारत ट्रेनों के परिचालन से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, विशेषकर उन तीर्थ स्थलों की ओर, जो इन ट्रेनों के मार्ग पर स्थित हैं, जैसे देवघर के बैद्यनाथ धाम और वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर। इन ट्रेनों की मदद से तीर्थयात्री अब अधिक सुविधाजनक और तेज़ यात्रा का आनंद ले सकेंगे, जिससे धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा और इससे जुड़े स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी वृद्धि होगी।